मुर्दा बनकर मौन रहो या .......

झुककर चलना और सब सहना, दोनों में अंतर होता है
लेकिन सब सहके चुप रहना, ये भाव भयंकर होता है

पर आज समय है अपने मन को बुद्ध करो या क्रुद्ध करो 
मुर्दा बनकर मौन रहो या संघर्षों से युद्ध करो ।।


Comments

Popular posts from this blog

सरस्वती स्तोत्रम्

कविमन....

हम पंछी उन पहाड़ों के..