शाहीन बाग .......🇮🇳

मैं भारत हूँ 
हाँ मैं वही भारत हूँ 
जिसने कश्मीर से कन्याकुमारी तक 
बदलते सुरों के कई साज देखे हैं 
मैंने कुछ आँखो में उमड़ते कई इन्कलाब देखे हैं 

मैंने हर बेघर को इस आँचल में जगह दी है 
हर नंगे पैरों को इस मिटटी की सतह दी है 

पर उन्ही पैरों से कुचलते इस जिस्म पर मैंने 
रंजिशों के घाव और बगावत के कई दाग देखे हैं
मैंने अपने ही आँगन के टुकड़ों पर बनते   
हजारों शाहीन बाग़ देखे हैं ।

मैं वही भारत हूं ......

- शशांक 

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